युवा कवि अभिषेक मिश्रा की कविता ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर छेड़ी नई बहस
बलिया के युवा कवि अभिषेक मिश्रा ने अपनी नई कविता “एक राष्ट्र, एक चुनाव – नई दिशा, नया सफ़र” के माध्यम से देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक बहस को साहित्यिक स्वर दिया है। यह कविता बार-बार होने वाले चुनावों से जनता और शासन-प्रशासन पर पड़ने वाले प्रभावों को सजीव चित्रण के साथ प्रस्तुत करती है…

