वाराणसी नगर निगम सदन में 1631.52 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पेश, अधिकारियों के अधूरे जवाब पर कार्यवाही स्थगित

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जमुना दयाल, वाराणसी

नगर निगम वाराणसी के सदन में शनिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1631.52 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट प्रस्तुत किया गया, जिसमें निगम मद में 1380.77 करोड़ और जलकल मद में 250.75 करोड़ रुपये शामिल हैं।

यह बजट पिछले मूल बजट (1529.38 करोड़ रुपये) से 102.14 करोड़ अधिक है।
बैठक टाउनहॉल स्थित गांधी भवन में महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई।
उपसभापति नरसिंह दास ने बजट सदन के समक्ष प्रस्तुत किया।

मुख्य प्रावधानों में प्रमुख वृद्धि:

संपत्तिकर ₹110 करोड़ से बढ़ाकर ₹125 करोड़
स्टाम्प ड्यूटी ₹15 करोड़ से बढ़ाकर ₹30 करोड़
सिनेमा कर ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख
पार्किंग शुल्क ₹1.50 करोड़ से बढ़ाकर ₹2 करोड़
सड़कों का रखरखाव ₹7 करोड़ से बढ़ाकर ₹8 करोड़
नाला-नाली अनुरक्षण ₹7 करोड़ से बढ़ाकर ₹8 करोड़
गंगा घाटों की मरम्मत/सिल्ट सफाई ₹80 लाख से ₹1 करोड़ और ₹3 करोड़ से ₹5 करोड़
नाला सफाई ₹3 करोड़ से बढ़ाकर ₹6 करोड़
मेट्रोपॉलिटन पब्लिक हेल्थ सर्विलांस यूनिट के लिए पहली बार ₹5 करोड़ का प्रावधान किया गया।

सदन में गूंजे सवाल — अधिकारियों से असंतुष्ट पार्षद:

बजट पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
पार्षद चन्द्रनाथ मुखर्जी ने पार्षद कोटा की धनराशि बढ़ाने की मांग की।
पार्षद मदन मोहन दुबे और सुरेश कुमार चौरसिया ने सिनेमा कर, दुकानों के किराए, नियमितीकरण और लाइसेंस शुल्क वसूली में कमी पर सवाल उठाए।
पार्षद राजेश यादव चल्लू ने ज्वलनशील पदार्थों वाली दुकानों से लाइसेंस शुल्क न वसूलने का मुद्दा उठाया।

होटल व धर्मशाला से वसूली पर नाराजगी:

कर निर्धारण अधिकारी शिखा मौर्या होटल, लॉज और धर्मशालाओं की संख्या एवं उनसे होने वाली वसूली का स्पष्ट ब्योरा न दे सकीं। इस पर महापौर अशोक तिवारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अगली बैठक में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

यूजर चार्ज पर सख्ती:

कूड़ा उठान करने वाली कंपनी द्वारा यूजर चार्ज लक्ष्य से कम वसूले जाने पर महापौर ने कहा कि “जितनी वसूली उतना भुगतान” के सिद्धांत पर अमल होगा। कंपनी को वर्ष 2025-26 में ₹28 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जबकि अगस्त 2025 तक मात्र ₹3.15 करोड़ की वसूली हुई। इस पर कंपनी के भुगतान में कटौती का निर्देश दिया गया।

बैठक स्थगित:

महापौर ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि जब तक वे पूरी तैयारी के साथ सदन में उपस्थित नहीं होते, तब तक कार्यवाही नहीं चलेगी।
सदन की कार्यवाही अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दी गई है। अगली बैठक नवंबर के पहले सप्ताह में संभावित है।

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